होटल बुकिंग पर नया GST नियम लागू, ग्राहकों की जेब पर बढ़ेगा बोझ – जानिए पूरा बदलाव

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image credit: msn.com

नई दिल्ली, 18 सितंबर 2025। अगर आप ऑनलाइन होटल बुकिंग करते हैं तो आपके लिए एक बड़ा झटका है। सरकार ने जीएसटी (GST) नियमों में बदलाव करते हुए 7,500 रुपये प्रति रात से कम कीमत वाले होटलों के कमरों पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ हटा दिया है। अब इन होटल रूम्स पर 5% जीएसटी तो लगेगा ही, लेकिन उसका टैक्स क्रेडिट किसी को नहीं मिलेगा। इस फैसले से ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों (OTA) और होटल इंडस्ट्री में हलचल मच गई है।


नया नियम क्या कहता है?

  1. 7,500 रुपये प्रति रात से कम किराए वाले होटल रूम्स पर 5% जीएसटी लागू रहेगा।
  2. लेकिन अब इन पर ITC यानी इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा नहीं मिलेगा।
  3. यानी जो टैक्स होटल या ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी चुकाएगी, उसका क्रेडिट उनके पास नहीं बचेगा।

पहले स्थिति अलग थी। होटल मालिक या OTA जब ग्राहक से बुकिंग लेते थे तो जीएसटी का टैक्स उनके खर्चों से एडजस्ट हो जाता था। ITC का फायदा मिलने की वजह से टैक्स का बोझ हल्का पड़ता था। लेकिन अब यह राहत खत्म कर दी गई है।


OTAs और होटल इंडस्ट्री की मुश्किलें

लागत बढ़ी

OTAs का कहना है कि ITC हट जाने से उनकी लागत अचानक बढ़ जाएगी। अब जो टैक्स वे देंगे, उसका कोई क्रेडिट नहीं मिलेगा। इससे उनकी प्राइसिंग स्ट्रैटेजी पर असर पड़ेगा।

ग्राहकों पर असर

लागत बढ़ने का सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ना तय है। होटल बुकिंग की कीमतें बढ़ सकती हैं। खासकर बजट और मिड-रेंज होटल्स में यह बोझ ज़्यादा महसूस होगा।

बजट और मिड-स्केल होटल्स पर दबाव

बजट होटल्स पहले ही पतले मार्जिन पर काम करते हैं। अब टैक्स क्रेडिट हटने से उनकी कीमतें बढ़ेंगी, जिससे ग्राहक सस्ते विकल्प ढूँढने लगेंगे। इसका असर बुकिंग पर दिख सकता है।

GST की मूल भावना पर सवाल

उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी की मूल भावना ही टैक्स पर टैक्स खत्म करना और इनपुट टैक्स क्रेडिट देना थी। लेकिन इस बदलाव से यह सिद्धांत कमजोर हो रहा है।


सरकार से क्या मांग की जा रही है?

OTAs और होटल उद्योग ने CBIC से अपील की है कि वह जल्द से जल्द स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करे। उनका कहना है कि ITC हटाना सही नहीं है क्योंकि इससे पर्यटन और ट्रैवल सेक्टर की ग्रोथ पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

उद्योग यह भी चाहता है कि सरकार कम कीमत वाले होटलों के लिए कोई विशेष छूट दे या ITC का लाभ फिर से बहाल करे।


किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

वर्गफायदानुकसान
सरकारटैक्स कलेक्शन में स्पष्टताउद्योग और ग्राहकों की नाराज़गी
लक्ज़री होटल्सपहले जैसे ITC का फायदा लेते रहेंगेकीमतों की तुलना में बजट होटल्स की मांग घट सकती है
बजट होटल्सकोई खास फायदा नहींलागत बढ़ेगी, बुकिंग्स घट सकती हैं
ग्राहककोई राहत नहींहोटल रूम महंगे होंगे

ट्रैवल इंडस्ट्री पर असर

  • छोटे होटल मालिक सबसे ज़्यादा प्रभावित होंगे। उनके लिए पहले से ही कॉम्पिटिशन कड़ा है।
  • OTAs को अपनी सर्विस चार्ज और पैकेज प्राइसिंग बदलनी पड़ेगी।
  • ग्राहक को बुकिंग के समय ज्यादा भुगतान करना होगा।

पर्यटन इंडस्ट्री का मानना है कि इस फैसले से बजट ट्रैवलर्स की संख्या कम हो सकती है।


ग्राहकों को क्या करना चाहिए?

  • अगर आप छुट्टियों की योजना बना रहे हैं, तो जल्दी बुकिंग करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
  • होटल बुकिंग करते समय ऑफर्स और पैकेज डील्स को ध्यान से देखें।
  • कीमतों में टैक्स का हिस्सा अलग से चेक करें ताकि तुलना सही तरीके से हो सके।

18 सितंबर 2025 से लागू इस नए जीएसटी नियम ने होटल और ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी दोनों के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। सरकार के मुताबिक यह टैक्स कलेक्शन की पारदर्शिता के लिए है, लेकिन उद्योग का कहना है कि इससे यात्रियों की जेब पर बोझ बढ़ेगा और पर्यटन की रफ्तार धीमी होगी। आने वाले समय में देखना होगा कि क्या सरकार इस फैसले में कोई राहत देती है या ग्राहकों को ही महंगी बुकिंग की आदत डालनी पड़ेगी।

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