20 सितंबर 2025, नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार में 19 सितंबर 2025 को जोरदार बिकवाली देखने को मिली। लगातार कुछ दिनों तक रही तेजी के बाद, आज निवेशकों ने मुनाफा सुरक्षित करने की रणनीति अपनाई, जिससे सेंसेक्स करीब 387 अंक गिरकर 82,626 पर आ गया। वहीं निफ्टी 25,327 पर बंद हुआ। इस गिरावट ने निवेशकों में चिंता बढ़ा दी है और बाजार की अस्थिरता को उजागर किया है।
आइए जानते हैं कि आखिर क्यों आज शेयर बाजार में दबाव देखने को मिला और कौन से कारण सबसे ज्यादा प्रभावित रहे।
आज के बाजार का संक्षिप्त हाल
आज की गिरावट मुख्य रूप से ब्लूचिप शेयरों और प्रमुख सेक्टरों में हुई बिकवाली के कारण थी। IT, FMCG, बैंकिंग और ऑटो सेक्टर के शेयरों में भारी दबाव रहा।
- सेन्सेक्स: 82,626.23 (-387.73 अंक, -0.47%)
- निफ्टी: 25,327.05 (-96.55 अंक, -0.38%)
विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार ने तीन दिनों की तेजी के बाद आज प्रॉफिट बुकिंग का रास्ता चुना, जिससे बाजार की रफ्तार धीमी हो गई।
शेयर बाजार में गिरावट के 5 बड़े कारण
1) मुनाफा बुकिंग का दबाव
लगातार तीन दिन तेजी के बाद निवेशकों ने अपने मुनाफे को सुरक्षित करना शुरू किया। इस वजह से IT और बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में बिकवाली बढ़ गई। निवेशकों ने बड़े पैमाने पर शेयर बेचे, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई।
2) अमेरिका का चाबहार पोर्ट फैसला
अमेरिका ने ईरान के चाबहार पोर्ट पर भारत को मिलने वाली छूट को वापस लेने का ऐलान किया है। यह छूट 2018 से लागू थी, लेकिन अब 29 सितंबर 2025 से यह खत्म हो जाएगी। इस फैसले ने बाजार में अनिश्चितता और डर पैदा किया, खासकर उन सेक्टरों में जो विदेश व्यापार पर निर्भर हैं।
3) वैश्विक बाजारों का दबाव
एशियाई बाजारों में जापान, चीन और साउथ कोरिया के शेयर भी कमजोर थे। इसके अलावा अमेरिकी वॉल स्ट्रीट के फ्यूचर्स में ज्यादा तेजी नहीं दिखी। वैश्विक संकेतों की यह कमजोरी भारत के शेयर बाजार पर भी असर डालती है।
4) वोलैटिलिटी में बढ़त
भारत में इंडिया VIX, जो बाजार में अस्थिरता को दर्शाता है, आज बढ़कर 10.22 हो गया। इसका मतलब है कि निवेशक बाजार के लिए सतर्क हैं और आगे संभावित गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं।
5) रुपये की कमजोरी
रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर ₹88.27 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर की मजबूती और घरेलू इक्विटी मार्केट की नाजुक स्थिति ने निवेशकों के मनोबल को प्रभावित किया।
सेक्टरों और स्टॉक्स पर असर
आज IT, बैंकिंग और FMCG सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।
- IT सेक्टर में HCL Tech और Infosys के शेयरों में करीब 1.5%–2% की गिरावट दर्ज की गई।
- बैंकिंग सेक्टर में SBI और ICICI Bank के शेयर भी 1%–1.5% नीचे आए।
- FMCG में Hindustan Unilever और Nestle के शेयरों में हल्की बिकवाली रही।
विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार की यह गिरावट सिर्फ सामयिक बिकवाली है और लंबी अवधि के लिए कोई बड़ा खतरा नहीं है।
टेक्निकल नजरिए से क्या कह रहे एक्सपर्ट
आनंद जेम्स, मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट, के अनुसार निफ्टी 25,400–25,600 के जोन में आ चुका है। अगर निफ्टी 25,440 के ऊपर निकलता है तो तेजी 25,600 तक जा सकती है। लेकिन अगर 25,292 या 25,280 के नीचे टूटता है तो गिरावट तेज़ हो सकती है।
सेंसेक्स के लिए भी 82,500–82,800 का स्तर फिलहाल महत्वपूर्ण माना जा रहा है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे ज्यादा घबराएं नहीं और अपने निवेश में सतर्कता बरतें।
निवेशकों के लिए क्या संदेश है
- लंबे समय के निवेशक घबराएं नहीं, क्योंकि यह गिरावट अल्पकालिक प्रॉफिट बुकिंग और वैश्विक अनिश्चितताओं का नतीजा है।
- नए निवेशकों को बाजार में अचानक आने वाली तेजी या गिरावट में निवेश करने से पहले सोच-समझ कर निर्णय लेना चाहिए।
- विदेशी बाजार और रुपये की स्थिति पर भी नज़र रखना जरूरी है, क्योंकि ये सीधे भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित करते हैं।
आज 19 सितंबर 2025 के शेयर बाजार का दिन निवेशकों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट ने यह साफ कर दिया कि बाजार हमेशा स्थिर नहीं रहता। मुनाफा बुकिंग, वैश्विक संकेत, डॉलर की मजबूती और अमेरिका के फैसले ने मिलकर बाजार में दबाव पैदा किया।
हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि यह गिरावट लंबी अवधि के निवेशकों के लिए चिंता का विषय नहीं है, बल्कि एक सामयिक बिकवाली है। निवेशकों को संयम और सतर्कता के साथ अपने पोर्टफोलियो पर ध्यान देना चाहिए।
Disclaimer
यह आर्टिकल केवल सूचनात्मक और शैक्षिक उद्देश्य के लिए तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी किसी भी शेयर, स्टॉक, या निवेश के लिए सलाह या सिफारिश नहीं मानी जाएगी। निवेश करने से पहले कृपया स्वतंत्र वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। निवेश में जोखिम हमेशा मौजूद रहता है और लाभ की कोई गारंटी नहीं है।