नई दिल्ली, 19 सितंबर 2025 – भारतीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों ने बीते एक साल में रिकॉर्ड तोड़ बढ़त दर्ज की है। हालांकि, अब एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड प्राइस (Gold Price) ओवरबॉट जोन में पहुंच चुका है और इसमें शॉर्ट टर्म करेक्शन यानी गिरावट की संभावना बहुत ज्यादा है। निवेशकों और ग्राहकों को त्योहारों के मौसम में खरीदारी से पहले सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
सोने की कीमत में ऐतिहासिक उछाल
बीते एक साल में सोने की कीमतों में करीब 46% का उछाल आया है। सिर्फ 2025 में ही सोना अब तक लगभग 40% चढ़ चुका है।
- 18 सितंबर 2025 को दिल्ली में 24 कैरेट सोने का भाव 10 ग्राम पर ₹1,10,500 के करीब दर्ज किया गया।
- जबकि एक साल पहले यही सोना लगभग ₹75,000 प्रति 10 ग्राम बिक रहा था।
इसी तरह, चांदी के रेट भी तेजी से ऊपर चढ़े हैं। 18 सितंबर 2025 को चांदी का भाव करीब ₹1,42,000 प्रति किलो तक पहुंच गया, जो बीते साल की तुलना में लगभग 30% ज्यादा है।
क्यों आ सकती है गिरावट?
विशेषज्ञ मानते हैं कि सोना और चांदी अब ‘ओवरबॉट जोन’ में है यानी कीमतें अपनी उचित वैल्यू से कहीं ज्यादा ऊपर चली गई हैं। ऐसे में मुनाफावसूली का दबाव बढ़ सकता है।
गिरावट के प्रमुख कारण:
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व का फैसला – हाल ही में फेड ने ब्याज दर को घटाकर 4% किया है। ब्याज दरों में बदलाव का सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ता है।
- रुपये की मजबूती – अगर रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत होता है तो सोने के आयात की लागत घटती है, जिससे घरेलू बाजार में कीमतें नीचे आ सकती हैं।
- ज्वैलरी निर्यात पर असर – अमेरिका और यूरोप में टैरिफ के कारण भारतीय ज्वैलर्स को झटका लगा है। इससे सोने की मांग थोड़ी धीमी हो सकती है।
शॉर्ट टर्म में कितना गिर सकता है सोना?
- एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की कीमत में 5 से 10% तक की गिरावट संभव है।
- यानी भारत में 24 कैरेट सोना आने वाले महीनों में ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम से नीचे भी जा सकता है।
- इंटरनेशनल मार्केट में भी सोने की कीमत $3300 प्रति औंस तक फिसलने का अनुमान है।
त्योहारों में कैसा रहेगा गोल्ड मार्केट?
भारत में सोना खरीदने का सबसे बड़ा सीज़न नवरात्रि, दशहरा, दिवाली और धनतेरस माना जाता है। हर साल इन अवसरों पर लाखों लोग गहनों और सिक्कों की खरीदारी करते हैं।
- इस बार भी उम्मीद है कि फेस्टिव सीज़न (Festive Season 2025) में सोने की मांग बनी रहेगी।
- हालांकि, कीमतें पहले ही ऊंचे स्तर पर हैं, इसलिए बहुत बड़ी बढ़त की संभावना कम है।
- अनुमान है कि दिवाली तक 24 कैरेट सोना ₹1,10,000 से ₹1,12,000 प्रति 10 ग्राम के बीच रह सकता है।
आम खरीदारों का रुझान बदल रहा है
सोने के बढ़ते दामों ने आम उपभोक्ताओं की खरीदारी की आदतों को भी बदल दिया है।
- लोग अब भारी नेकलेस, बड़े कंगन की जगह हल्के और मिनिमल डिजाइन वाले गहने चुन रहे हैं।
- 18 कैरेट और 14 कैरेट सोना ज्यादा पसंद किया जा रहा है, क्योंकि यह सस्ता पड़ता है।
- चांदी और प्लेटिनम जैसी दूसरी धातुओं की डिमांड भी बढ़ रही है।
निवेशकों को क्या करनी चाहिए रणनीति?
एक्सपर्ट्स की सलाह:
- अभी जल्दबाजी में सोना न खरीदें।
- अगर खरीदना जरूरी है तो धीरे-धीरे, हिस्सों में निवेश करें।
- 3 से 6 महीने इंतजार करना बेहतर होगा ताकि मार्केट में करेक्शन के बाद सही एंट्री मिल सके।
- लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए सोना अब भी सुरक्षित एसेट है, लेकिन शॉर्ट टर्म में रिस्क बना हुआ है।
चांदी की स्थिति भी कुछ ऐसी ही
- 18 सितंबर 2025 को चांदी ₹1,42,000 प्रति किलो तक पहुंच गई।
- एक्सपर्ट्स का मानना है कि चांदी की कीमतों में भी शॉर्ट टर्म करेक्शन आ सकता है और यह ₹1,30,000 प्रति किलो के नीचे जा सकती है।
- हालांकि, इंडस्ट्रियल डिमांड और इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में इस्तेमाल की वजह से चांदी का लॉन्ग टर्म आउटलुक सकारात्मक है।
क्यों जरूरी है सतर्क रहना?
सोना-चांदी में अचानक उछाल के बाद अक्सर करेक्शन आता है। त्योहारों के दौरान भाव स्थिर या थोड़ा ऊपर रह सकता है, लेकिन इसके बाद गिरावट से इंकार नहीं किया जा सकता।
जो लोग गोल्ड ज्वैलरी या सिल्वर खरीदना चाहते हैं, उन्हें अपनी जेब और जरूरत के हिसाब से फैसला करना चाहिए। वहीं, निवेशकों के लिए ‘धीरे-धीरे निवेश की रणनीति’ ही सबसे सुरक्षित मानी जा रही है।
सोना और चांदी ने पिछले एक साल में निवेशकों को बेहतरीन रिटर्न दिए हैं, लेकिन अब विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यह रफ्तार लंबे समय तक जारी नहीं रहेगी। शॉर्ट टर्म में करेक्शन तय है। इसलिए चाहे आप गहनों की खरीदारी करें या निवेश, सोच-समझकर कदम उठाएं।
📝 Disclaimer
इस आर्टिकल में दी गई जानकारी बाजार विशेषज्ञों की राय और उपलब्ध सार्वजनिक डेटा पर आधारित है। यहां बताए गए सोने और चांदी के रेट (Gold & Silver Price) निवेश या खरीदारी की सलाह नहीं हैं। किसी भी तरह का वित्तीय निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) से परामर्श अवश्य करें। सोने-चांदी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार की स्थिति के आधार पर बदल सकती हैं।