नई दिल्ली, 16 सितंबर 2025 – अगर आप पिछले एक साल में निवेश की रेस देखें तो सोना (Gold) ने शेयर बाजार (Sensex) को पीछे छोड़ते हुए निवेशकों को जबरदस्त फायदा दिया है। जहां Sensex ने निवेशकों को निराश किया, वहीं सोना करीब 50.1% रिटर्न देकर चमक उठा।
एक साल में सोने की सुनहरी छलांग
बीते 12 महीनों की बात करें तो Sensex में लगभग 1.2% की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन सोने ने उसी दौरान लगभग 50% का मुनाफा दिया। यह अंतर दिखाता है कि क्यों निवेशक आज भी अस्थिरता और आर्थिक संकट के समय सोने की ओर भागते हैं।
स्टॉक मार्केट की गिरावट और अनिश्चित माहौल ने साफ कर दिया है कि लंबे समय में सुरक्षित विकल्पों में सोना सबसे भरोसेमंद साबित होता है।
क्यों चमका Gold और फीका पड़ा Sensex?
सोने की कीमतों में इतनी तेज़ी आने के पीछे कई कारण हैं:
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता – दुनिया भर में मंदी का डर, भू-राजनीतिक तनाव और महंगाई बढ़ने से निवेशकों ने सुरक्षित पनाहगाह की तलाश की। सोना हमेशा से ऐसी स्थिति में पहली पसंद रहा है।
- केंद्रीय बैंकों की खरीदारी – कई देशों के सेंट्रल बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं। इसका सीधा असर डिमांड पर पड़ा और सोने की कीमतें आसमान छूने लगीं।
- रुपए में कमजोरी – जब डॉलर के मुकाबले रुपया गिरता है तो भारत में सोने की कीमत और ज्यादा बढ़ जाती है। यही वजह है कि भारतीय निवेशकों के लिए Gold Investment और भी आकर्षक हो गया।
- मुद्रास्फीति से सुरक्षा (Inflation Hedge) – सोना हमेशा से महंगाई के खिलाफ बचाव (hedge) माना जाता है। जब बाजार अस्थिर होता है तो लोग अपनी बचत को सुरक्षित रखने के लिए सोने की ओर रुख करते हैं।
सिर्फ एक साल नहीं, लंबे समय में भी Gold सबसे आगे
- 3 साल का आंकड़ा: पिछले तीन वर्षों में सोने ने इक्विटी मार्केट से बेहतर प्रदर्शन किया है।
- 5 साल का प्रदर्शन: Sensex ने जहां उतार-चढ़ाव दिखाया, वहीं सोने ने स्थिर मुनाफा दिया।
- 10 और 20 साल का सफर: लंबे समय में देखा जाए तो Gold Investment ने लगातार बेहतर रिटर्न दिया है।
यानी चाहे अल्पकालिक हो या दीर्घकालिक निवेश, सोना हर अवधि में Sensex से आगे निकल गया है।
Sensex क्यों पीछे रह गया?
शेयर बाजार हमेशा जोखिम और रिटर्न का खेल रहा है। बीते एक साल में:
- Sensex में औसतन 1.2% की गिरावट देखी गई।
- ग्लोबल मंदी और घरेलू आर्थिक चुनौतियों के कारण कई सेक्टरों पर दबाव रहा।
- निवेशकों का भरोसा कमज़ोर हुआ, खासकर रिटेल निवेशकों में।
यह बताता है कि Stock Market Investment में उतार-चढ़ाव सामान्य है, लेकिन सोना ऐसे समय में बचाव का काम करता है।
विशेषज्ञों की राय: क्या अभी सोना खरीदना सही है?
मार्केट विशेषज्ञ मानते हैं कि:
- शॉर्ट टर्म में Correction संभव है – सोने की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं, इसलिए टेक्निकल करेक्शन (यानी थोड़ी गिरावट) देखने को मिल सकती है।
- लॉन्ग टर्म में ट्रेंड पॉजिटिव है – जब तक महंगाई और अनिश्चितता बनी रहती है, तब तक सोने की मांग और दाम दोनों ऊँचाई पर रहेंगे।
- पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन जरूरी – सिर्फ सोने में ही पैसा लगाना सही नहीं है। निवेशकों को शेयर, म्यूचुअल फंड और अन्य साधनों के साथ संतुलित पोर्टफोलियो बनाना चाहिए।
निवेशकों के लिए सीख
- Gold Safe Haven है – अस्थिर बाजार में सोना सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है।
- Diversification Best Strategy है – सभी अंडे एक टोकरी में मत रखिए। सोने के साथ-साथ शेयर और अन्य निवेश साधनों में भी पैसा लगाइए।
- लॉन्ग टर्म सोच रखें – अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से घबराने के बजाय लंबी अवधि का लक्ष्य रखें।
- SIP in Gold Funds – आजकल गोल्ड ETFs और म्यूचुअल फंड्स के जरिए भी निवेश आसान हो गया है।
आगे का रास्ता: Gold vs Sensex
- अगर ग्लोबल इकोनॉमी सुधरती है तो शेयर बाजार फिर से चमक सकता है और Sensex अच्छा रिटर्न दे सकता है।
- लेकिन अगर मंदी और महंगाई का दबाव जारी रहता है तो सोना और अधिक मजबूत साबित हो सकता है।
- 16 सितंबर 2025 तक की स्थिति बताती है कि Gold Investment फिलहाल सबसे सुरक्षित और मुनाफेदार विकल्प बना हुआ है।
सोना और Sensex की इस तुलना से यह साफ है कि बाजार की अनिश्चितता और वैश्विक चुनौतियों के दौर में सोना हर निवेशक का भरोसेमंद साथी रहा है।
पिछले साल में जहां Sensex लाल निशान पर रहा, वहीं सोना सुनहरी छलांग लगाकर निवेशकों की जेब भर रहा है। लंबे समय से लगातार बेहतर परफॉर्मेंस साबित करता है कि Gold केवल गहनों के लिए ही नहीं, बल्कि एक मजबूत निवेश विकल्प (Investment Option) भी है।
Disclaimer
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य सूचना और निवेश से जुड़ी ट्रेंड रिपोर्ट पर आधारित है। इसमें बताए गए आंकड़े और रिटर्न्स सिर्फ पिछले प्रदर्शन को दर्शाते हैं, भविष्य की गारंटी नहीं हैं। किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। वेबसाइट और लेखक का उद्देश्य केवल पाठकों को जानकारी देना है, हम किसी भी तरह की लाभ या हानि की ज़िम्मेदारी नहीं लेते।