मुंबई, 22 सितंबर 2025 – सोमवार का दिन भारतीय शेयर बाजार (Share Market Today) के लिए उतार-चढ़ाव भरा साबित हो सकता है। वैश्विक स्तर पर अमेरिका से आए बड़े फैसले और घरेलू मोर्चे पर GST दरों में बदलाव की वजह से निवेशकों के बीच अनिश्चितता बनी हुई है। शुरुआती संकेत बता रहे हैं कि आज सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) लाल निशान में खुल सकते हैं।
H-1B वीजा शुल्क ने बढ़ाई आईटी सेक्टर की टेंशन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में H-1B वीजा शुल्क में बड़ा बदलाव किया है। नई पॉलिसी के अनुसार अब 21 सितंबर से सभी नए H-1B वीजा आवेदनकर्ताओं को सालाना 1 लाख डॉलर अतिरिक्त शुल्क देना होगा। हालांकि पहले से मौजूद वीजा धारकों पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
भारत की बड़ी आईटी कंपनियां जैसे इंफोसिस, टीसीएस, विप्रो और एचसीएल टेक, जिनके हजारों कर्मचारी अमेरिका में प्रोजेक्ट्स पर काम करते हैं, इस फैसले से प्रभावित हो सकती हैं। बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे आईटी स्टॉक्स में दबाव देखने को मिलेगा और निफ्टी आईटी इंडेक्स पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
नई GST दरों से उपभोक्ताओं को राहत, लेकिन इंडस्ट्री पर असर
आज से देश में नई GST दरें लागू हो गई हैं। सरकार ने 4 स्लैब को घटाकर अब सिर्फ दो स्लैब – 5% और 18% – कर दिए हैं। इसके अलावा कुछ खास उत्पादों और लग्ज़री आइटम्स पर लगने वाली 40% की विशेष दर को भी कम किया गया है।
इससे उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा क्योंकि कई रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी। हालांकि, उद्योग जगत के लिए यह बदलाव चुनौतियां खड़ी कर सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कंपनियों को अपनी प्राइसिंग और सप्लाई चेन स्ट्रैटेजी को फिर से देखना होगा।
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर नजर
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अपनी टीम के साथ अमेरिका दौरे पर हैं और वहां सकारात्मक चर्चाओं की उम्मीद जताई जा रही है। यदि कोई ठोस प्रगति होती है तो इसका असर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिलेगा।
निवेशकों की निगाह इस वार्ता पर टिकी हुई है क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ने से न केवल एक्सपोर्ट सेक्टर को फायदा होगा बल्कि विदेशी निवेश का प्रवाह भी तेज हो सकता है।
एशियाई और अमेरिकी बाजारों से मिले मिले-जुले संकेत
वैश्विक बाजारों की बात करें तो एशिया के कई प्रमुख इंडेक्स आज मजबूती के साथ खुले। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 1.17% की तेजी पर रहा, जबकि टॉपिक्स इंडेक्स में 0.58% की बढ़त दर्ज हुई। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.50% ऊपर गया और कोस्डैक में 0.70% की तेजी देखने को मिली। हालांकि, हांगकांग के हैंग सेंग फ्यूचर्स में हल्की गिरावट देखी गई।
वहीं, अमेरिकी बाजारों ने बीते हफ्ते रिकॉर्ड हाई बनाया था। डॉव जोंस, एसएंडपी 500 और नैस्डैक सभी में बढ़त देखने को मिली। इन सकारात्मक संकेतों के बावजूद भारतीय बाजार घरेलू कारणों से दबाव में रह सकते हैं।
गिफ्ट निफ्टी ने दिया गिरावट का संकेत
गिफ्ट निफ्टी (Gift Nifty) आज सुबह करीब 25,315 पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद भाव से लगभग 95 अंकों की गिरावट दिखा रहा है। इसका मतलब यह है कि बाजार की शुरुआत नकारात्मक हो सकती है।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को इस समय सतर्क रहकर ही ट्रेडिंग करनी चाहिए। खासकर आईटी और बैंकिंग सेक्टर में उतार-चढ़ाव ज्यादा देखने को मिलेगा।
सोना और क्रूड ऑयल का हाल
- सोने की कीमतें (Gold Price Today) – वैश्विक बाजारों में सोने में हल्की बढ़त देखने को मिली है। निवेशक अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों और फेडरल रिजर्व की अगली पॉलिसी का इंतजार कर रहे हैं।
- कच्चा तेल (Crude Oil Price) – भू-राजनैतिक तनावों की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है। ब्रेंट क्रूड और WTI दोनों ही ऊपर कारोबार कर रहे हैं। इससे भारत के आयात बिल पर दबाव बढ़ सकता है और इसका असर रुपया और महंगाई पर भी देखने को मिलेगा।
आज किन सेक्टर्स पर रहेगी नजर?
- आईटी सेक्टर – H-1B वीजा शुल्क बढ़ोतरी का सीधा असर।
- कंज्यूमर गुड्स सेक्टर – नई GST दरों के बाद कंपनियों की स्ट्रैटेजी बदल सकती है।
- बैंकिंग सेक्टर – विदेशी निवेश और डॉलर में हलचल से प्रभावित हो सकता है।
- ऑटो सेक्टर – कच्चे तेल की कीमतों का असर ईंधन लागत और डिमांड पर पड़ेगा।
- मेटल्स और फार्मा – वैश्विक बाजार और व्यापार समझौते से दिशा तय होगी।
निवेशकों के लिए रणनीति
- शॉर्ट टर्म में बाजार दबाव में रह सकता है, इसलिए हाई रिस्क ट्रेड से बचें।
- आईटी और बैंकिंग स्टॉक्स में सतर्कता बरतें।
- डिफेंसिव सेक्टर्स जैसे FMCG और फार्मा पर फोकस बेहतर विकल्प हो सकता है।
- लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह समय अच्छे क्वालिटी वाले स्टॉक्स चुनने का हो सकता है।
22 सितंबर 2025 का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। एक तरफ वैश्विक बाजारों से अच्छे संकेत मिल रहे हैं, तो दूसरी तरफ घरेलू मोर्चे पर GST दरों का बदलाव और अमेरिका की H-1B वीजा पॉलिसी निवेशकों के मूड पर भारी पड़ सकती है। ऐसे में निवेशकों को जल्दबाजी में फैसले लेने से बचना चाहिए और एक्सपर्ट्स की राय के साथ ही कदम बढ़ाना चाहिए।
📌 Disclaimer
इस खबर में दी गई जानकारी सिर्फ सामान्य सूचनात्मक उद्देश्य से है। यहां बताए गए विचार, आंकड़े और अनुमान किसी तरह की निवेश सलाह (Investment Advice) नहीं हैं। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) से परामर्श अवश्य लें।