क्या आने वाले सालों में सोने की कीमत ₹2 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है? Jefferies के ग्लोबल स्ट्रैटेजिस्ट Chris Wood ने एक ऐसी भविष्यवाणी की है जिसने निवेशकों के बीच हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा है कि लंबी अवधि में सोने की कीमतें 6,600 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती हैं—जो भारतीय मार्केट में करीब ₹2 लाख प्रति 10 ग्राम के बराबर होगी!
📈 किसने की ये भविष्यवाणी?
Chris Wood, जो Jefferies में इक्विटी रणनीति के प्रमुख हैं, उन्होंने हाल ही में एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है। उनका मानना है कि अमेरिका में बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता और वैश्विक वित्तीय सिस्टम में बदलाव के चलते सोने की कीमतें आने वाले वर्षों में तेज़ी से बढ़ेंगी।
🧠 क्या है लॉजिक?
Wood का कहना है कि अमेरिका में डिस्पोजेबल प्रॉपर्टी और फेडरल रिज़र्व की नीतियों के कारण डॉलर की वैल्यू पर दबाव बनेगा। ऐसे में निवेशक सुरक्षित विकल्प की ओर भागेंगे—और सोना हमेशा से सबसे भरोसेमंद सेफ हेवन रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि अगर अमेरिका में प्रॉपर्टी वैल्यू 9.9% की हिस्टोरिकल ग्रोथ रेट से बढ़ती रही, तो सोने की कीमतें 6,571 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं। यानी भारत में सोना ₹2 लाख के पार!
🔙 पहले क्या हुआ था?
Chris Wood ने 2002 में भी गोल्ड के लिए 3,400 डॉलर का टारगेट दिया था। उस समय यह भविष्यवाणी 23 साल बाद सच होती दिख रही है। 2016 में उन्होंने 4,200 डॉलर, 2020 में 5,500 डॉलर और अब 2025 में 6,600 डॉलर का अनुमान दिया है।
🇮🇳 भारत में क्या असर होगा?
अगर वाकई सोना 6,600 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचता है, तो भारत में इसका रेट ₹2 लाख प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। फिलहाल भारत में सोना करीब ₹58,000–₹60,000 प्रति 10 ग्राम के आसपास है। यानी निवेशकों को तीन गुना रिटर्न मिल सकता है—बशर्ते ये अनुमान सही साबित हो।
📊 अभी क्या चल रहा है?
अभी स्पॉट मार्केट में गोल्ड का रेट करीब 1,11,300 रुपये प्रति 10 ग्राम है। लेकिन यह रेट इंटरनेशनल मार्केट के साथ-साथ डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू पर भी निर्भर करता है।
🔍 क्या ये सिर्फ अनुमान है?
Wood का कहना है कि ये अनुमान पूरी तरह से लॉन्ग-टर्म ट्रेंड्स और आर्थिक डेटा पर आधारित है। उन्होंने 1980 के गोल्ड प्राइस को भी ध्यान में रखा है, जब सोना 850 डॉलर प्रति औंस था। तब से अब तक अमेरिका में प्रॉपर्टी वैल्यू में 6.3% सालाना ग्रोथ हुई है।
📉 गोल्ड फंड्स का क्या हाल है?
Wood ने बताया कि 2002 में उन्होंने एक ग्लोबल पेंशन फंड पोर्टफोलियो में गोल्ड को 40% वेट दिया था। लेकिन दिसंबर 2020 में इसे घटाकर 50% कर दिया गया, जब बिटकॉइन और डिजिटल एसेट्स ने रफ्तार पकड़ी।
🤔 निवेशकों को क्या करना चाहिए?
अगर आप लॉन्ग-टर्म निवेशक हैं और सेफ हेवन एसेट्स में भरोसा रखते हैं, तो गोल्ड एक अच्छा विकल्प हो सकता है। लेकिन ध्यान रहे—यह अनुमान है, गारंटी नहीं। मार्केट में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, इसलिए निवेश से पहले सलाह ज़रूर लें।
📢 डिस्क्लेमर:
यह लेख केवल सामान्य जानकारी और निवेश जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई भविष्यवाणियाँ और अनुमान Jefferies के ग्लोबल स्ट्रैटेजिस्ट Chris Wood की राय पर आधारित हैं, जो समय के साथ बदल सकते हैं। सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव बाजार की स्थितियों, अंतरराष्ट्रीय घटनाओं और आर्थिक नीतियों पर निर्भर करते हैं।
पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। यह लेख किसी भी प्रकार की निवेश सलाह, गारंटी या सिफारिश नहीं है। लेखक और प्लेटफ़ॉर्म इस लेख में दी गई जानकारी की सटीकता या पूर्णता की जिम्मेदारी नहीं लेते।
सोने या किसी अन्य एसेट में निवेश जोखिम के अधीन होता है—निवेश से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करना ज़रूरी है।